विकास कुमार हिंदुस्तान अख़बार के द्वारा नीट UG -2024 में हुई गड़बड़ी को लेकर डीपीएस रांची में अपराह्न 11 बजे से आयोजित किये गए संवाद में हुए शामिल
नीट UG -2024) में हुई गड़बड़ी ने परीक्षाएजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। अब किसी और ऑनलाइन परीक्षा में इस तरह की गड़बड़ी न हो, न तो पर्चा आउट हो न ही फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा की पवित्रता को दागदार कर पाएं, साथ ही परीक्षा एजेंसियों के भीतर भी कोई तकनीकी गड़बड़ी न हो, इन तमाम चिंताओं आशंकाओं का समाधान समय की मांग है। इस ज्वलंत मुद्दे पर आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते और हुए अध्यापकों, अभिभावकों और छात्रों के बीच बुधवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), रांची में अपराह्न 11 बजे से संवाद आयोजित किया।
तीन बार नीट देने का मौका मिलना चाहिए : विकास कुमार
साइकोग्राफिक सोसाइटी के निदेशक और करियर काउंसलर विकास कुमार ने कहा कि छात्र-छात्राओं को नीट परीक्षा अधिकतम तीन बार देने का मौका मिलना चाहिए। इससे विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ेगा। परीक्षार्थियों की संख्या भी कम होगी। विकास कुमार ने नीट यूजी-2024 की परीक्षा में जो हुआ उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और री-नीट की मांग की।
विकास कुमार ने कहा कि 2023 में 600 अंक पर ऑल इंडिया रैंक बना और 2024 में 80,000 रैंक बना, यही असली विडंबना है। 600 अंक लाकर भी बच्चों को सरकारी कॉलेज नहीं मिलेगा। इसके अलावा शिशु जो टॉप रैंकर्स हैं, उनके सामने भी चुनौती है। 2023 में 680 अंक पर ऑल इंडिया रैंक 1700 से अधिक बना और 2024 में ऑल इंडिया रैंक 10,000 बना, और जिसका सीधा मतलब है बच्चों को 680 अंक लाकर भी टॉप एम्स में दाखिला नहीं मिलेगा।
डीपीएस के प्राचार्य संतोष कुमार ने कहा कि नीट जैसी परीक्षा में सुरक्षा के मानक और बड़े स्तर पर होने चाहिए। बायोमैट्रिक जांच के साथ एआई की मदद से रेटिना स्कैनिंग को भी जोड़ा जाना चाहिए। टेक्नोलॉजी का लाभ सुरक्षा मानक बढ़ाने में होने से बड़ी परीक्षाओं में हेर-फेर की संभावना कम होगी। पूर्व में एनटीए के सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ राम सिंह के नेतृत्व में जब परीक्षाएं हुई थी, उसमें हमारा प्रयास सुरक्षा के सभी मानको को पूरा करने का होता था।
स्किल एजुकेशन सीखना जरूरीः गुरुनानक स्कूल की प्राचार्या डॉ कैप्टन सुमित कौर ने कहा कि विद्यार्थियों को प्लान ए से जी तक रखना चाहिए। सिर्फ मेडिकल और इंजीनियरिंग को करियर नहीं समझना चाहिए। पढ़ाई के साथ स्किल एजुकेशन भी सीखना चाहिए, ताकि वह विकल्प के तौर पर हमेशा आपके साथ रहे। कैप्टन कौर ने कहा कि बच्चे सोसाइटी सुरक्षा की टेक्नोलॉजी बढ़ाई जानी चाहिए |
( छात्रों के सुझाव)
■ ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से ही परीक्षाएं ली जाएं। इससे प्रश्नपत्र लीक होने की संभावनाएं कम से कम होंगी।
■ परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को और कठिन बनाया जाए। इससे काबिलियत परखी जाएगी और अच्छे डॉक्टर बनेंगे।
■ परीक्षा मामले में कानून के खिलाफ जाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।
■ परीक्षा से पूर्व बनाए जाने वाले परीक्षा केंद्रों की अच्छे से जांच हो। रिकॉर्ड खंगाले जाएं और इसके आधार पर चयन सोच समझकर किया जाए।
■ पेपर लीक से बचने के लिए सरकार के उच्च तंत्र को शामिल किया जाए।
■ यूपीएससी की तर्ज पर सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की मॉनिटरिंग में परीक्षा आयोजित हो।
( अभिभावकों के सुझाव)
■ ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा के आधे घंटे पहले प्रश्नपत्र सेट किया जाए और ऑनलाइन माध्यम से ही सवाल अभ्यर्थियों तक पहुंचे।
■ एनटीए या किसी भी एजेंसी के माध्यम परीक्षा पर रोक लगे। सीधे केंद्र सरकार अपने स्तर पर परीक्षा आयोजित करे।
■ आईआईटी एंट्रेस की तर्ज पर दो परीक्षा हो, प्री स्टेज से आकलन हो सकेगा।
■ सभी परीक्षा केंद्रों को ट्रैक किया जाए और सीसीटीवी कैमरे के सर्विलांस में पूरी परीक्षा प्रक्रिया आयोजित हो।
■ पेपर लीक में शामिल सभी लोगों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
( शिक्षकों के सुझाव)
■ रेटिना स्कैन और एआई के जरिए परीक्षार्थियों की उपस्थिति की मॉनिटरिंग की जाए ताकि नकल करने वाले पकड़े जाएं।
■ परीक्षा आयोजन कराने में प्राइवेट पार्टनर्स की सहभागिता कम से कम हो।
■ पेपर लीक पर कड़े आर्थिक दंड के साथ भारी सजा का प्रावधान किया जाए।
■सेंटर के चयन से पहले उन सेंटर की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट प्राप्त की जाए।
■ परीक्षा जोन वाइज बांट करें हो। इससे पेपर लीक जैसे मामले में सिर्फ एक जोन की परीक्षा कैंसिल होगी। कानून पर लोगों को जागरूक किया जाए।
■ परीक्षार्थियों और एग्जीमन बॉडी के बीच कड़ी को कम से कम किया जाए। ह्यूमन इंटरवेशन को कम से कम किया जाए।