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    पहली बार हो रहा ऐसा… कंप्यूटर साइंस के छात्रों को भी नहीं मिल रही नौकरी, IIT में प्लेसमेंट 30% तक गिरावट

    Psychographic Society - पहली बार हो रहा ऐसा... कंप्यूटर साइंस के छात्रों को भी नहीं मिल रही नौकरी, IIT में प्लेसमेंट 30% तक गिरावट

    आईआईटी संस्थानों में दाखिला पाने के लिए हर साल लाखों छात्र परीक्षा देते हैं। इन संस्थानों में दाखिले को मोटी तनख्वाह की गारंटी माना जाता है। लेकिन इस बार इन संस्थानों में प्लेसमेंट में गिरावट देखी जा रही है।

    हाइलाइट्स

    • आईआईटी संस्थानों में चल रहा है फाइनल प्लेसमेंट
    • पिछली बार के मुकाबले ऑफर्स में 30% तक गिरावट
    • कंप्यूटर साइंस के कई छात्रों को नहीं मिला प्लेसमेंट

     

    आईआईटी संस्थानों में फाइनल प्लेसमेंट की प्रोसेस शुरू हुए एक हफ्ते से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस बार प्लेसमेंट में 15 से 30 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि कंप्यूटर साइंस इंजीनियिरंग के कुछ छात्रों को भी अब तक प्लेसमेंट नहीं मिल पाया है। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। कंप्यूटर साइंस के छात्रों को हाथोंहाथ लिया गया था। ओल्ड आईआईटी में प्लेसमेंट से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इनमें दिल्ली, बॉम्बे, कानपुर, मद्रास, खड़गपुर, रुड़की, गुवाहाटी और वाराणसी आईआईटी शामिल हैं।

    हर साल लाखों छात्र आईआईटी संस्थानों में जगह पाने के लिए परीक्षा देते हैं। इन प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला मोटी तनख्वाह की गारंटी मानी जाती है। पिछले साल जब टेक इंडस्ट्री स्लोडाउन से गुजर रही थी तब भी आईआईटी में प्लेसमेंट काफी बेहतर रहा था। इस साल ओल्ड आईआईटी के छात्रों को भी प्लेसमेंट के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इसके कई कारण हैं। कंपनियां कम हायरिंग कर रही हैं। कुछ कंपनियां प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं ले रही हैं। कुल मिलाकर टेक स्लोडाउन के कारण हायरिंग सेंटीमेंट डाउन है।

    प्लेसमेंट में 30% तक गिरावट

    आईआईटी-खड़गपुर के एक छात्र ने कहा कि जो कंपनियां पहले 8 से 10 छात्रों को रिक्रूट करती थीं, वे इस बार एक-दो हायरिंग कर रही हैं। कुछ कंपनियां कैंपस में आ रही हैं लेकिन रिक्रूटमेंट नहीं कर रही हैं। एक और ओल्ड आईआईटी के छात्र ने कहा कि इस बार ऑफर में पिछले साल के मुकाबले 30 परसेंट गिरावट आई है। आईआईटी संस्थानों में फाइनल प्लेसमेंट्स एक दिसंबर को शुरू हुआ था।

    टेक और कंसल्टिंग समेत सभी सेक्टरों में स्लोडाउन का असर दिख रहा है। एक छात्र ने कहा कि पहले कंपनियों के बीच छात्रों का हायर करने की होड़ मची रहती थी। लेकिन स्लोडाउन के दौर में स्थिति बदल गई है। यहां तक कि प्री-प्लेसमेंट ऑफर्स की संख्या में भी गिरावट आई है। प्लेसमेंट सेल्स का कहना है कि वे ज्यादा से ज्यादा कंपनियों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों के प्लेसमेंट मिल सके।

     

    नई कंपनियों को बुलावा

    आईआईटी खड़गपुर के करियर डेवलपमेंट सेंटर के चेयरपर्सन राजीव मैती ने कहा कि इंस्टीट्यूट को सात दिन में 1,181 ऑफर मिले हैं। पिछले साल पांच दिन में ही 1,300 ऑफर मिल चुके थे। मैती ने कहा, हम और कंपनियों के आने की उम्मीद कर रहे हैं। कई बड़ी कंपनियां पहले आने को तैयार नहीं थीं, वे भी अब पूछताछ कर रही हैं। कुछ कंपनियां कैंपस में नहीं आई हैं और हम नई कंपनियों को बुला रहे हैं।

    आईआईटी-बीएचयू को शुक्रवार सुबह तक 850 ऑफर मिले थे। पिछले साल पहले चार दिन में ही करीब 1,000 ऑफर मिल चुके थे। चेन्नई में मौसम खराब होने से कई कंपनियां कैंपस नहीं पहुंच पाईं। आईआईटी बॉम्बे के प्लेसमेंट सेल के एक छात्र ने कहा कि पिछले साल स्थिति बेहतर थी। इस बार ऑफर्स की संख्या में मामूली गिरावट आई है। हमें भरोसा है कि इसकी भरपाई हो जाएगा।

     

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